Rohit Sharma का संन्यास; Virat Kohli भी कुछ ही दिन दूर!




रोहित शर्मा। 67 टेस्ट मैच। 4,301 रन। 40 का औसत। 12 शतक जिसमें एक दोहरा शतक। क्या हम अब रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में कभी नहीं देख पाएँगे। वाक़ई, रोहित शर्मा को अब हम सफ़ेद कपड़ों में क्रिकेट के मैदान में नहीं देख पाएँगे। T20 क्रिकेट से उन्होंने संन्यास ले ही लिया है। टेस्ट क्रिकेट से अभी संन्यास इस लिये नहीं ले रहे हैं क्योंकि अगले महीने ५० ओवरों की चैम्पियंस ट्रॉफी खेली जानी है। उसके बाद माना जा रहा है कि वो ODI क्रिकेट के साथ साथ टेस्ट मैचों से भी संन्यास ले लेंगे। इस तरह वो करियर ख़त्म हो जाएगा जो 2007 में शुरू हुआ था। हालाँकि टेस्ट मैच उन्होंने अपना पहला सिर्फ़ 2013 में ही खेला था। यानी कुछ लम्हों को छोड़ दें, तो रोहित को टेस्ट क्रिकेट कोई ख़ास रास नहीं आया। पहले माना जाता था कि वो हवा में बहुत शॉट्स खेलते हैं। अब ऐसा लग रहा है कि उनका डिफ़ेंस बिलकुल भी अच्छा नहीं रहा है। पर रोहित एक बेहतरीन कप्तान साबित हुए। हमेशा उन्होंने अपने से ऊपर अपनी टीम को रखा। आज भी सिडनी टेस्ट में बाहर बैठ के उन्होंने टीम को ऊपर रखा है। रन उनसे बन नहीं रहे हैं। टीम में एक जगह घेरी हुई है। टीम की शुरुआत भी ख़राब कर देते हैं जहां से टीम का बच पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कप्तान वो होता है जो अपने से ऊपर टीम को रखता है। और सिडनी में बाहर बैठ के उन्होंने यही किया है। रोहित ये सिडनी का मैच नहीं खेलेंगे ये निर्णय किसने लिया? ये निर्णय ख़ुद रोहित का था। गौतम गंभीर का इससे कोई लेना देना नहीं था। गंभीर कर भी नहीं सकते थे कि कप्तान को ही टीम से बाहर बैठा देते। रोहित ने माना ये जा रहा है कि ये निर्णय मेलबर्न में ही ले लिया था। मेलबर्न में साल ख़त्म हो रहा था। और रोहित ने समझ लिया था कि टेस्ट क्रिकेट से अब विदा लेने का वक़्त आ गया है। ये बात उन्होंने गंभीर को भी बता दी थी। इसलिए मैच शुरू होने से पहले जब गौतम गंभीर से पूछा गया कि क्या रोहित ये मैच खेलेंगे तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने बस यही कहा कि मैदान पर ही हम निर्णय लेंगे कि हम कौन सी टीम खिलायेंगे। बहुत कम होता है जब एक कप्तान बीच सीरीज़ में ना खेलने का निर्णय ले। ये एक बेहद दिलेरी भरा कदम है। ये वही व्यक्ति कर सकता है जो अपने आप में सुरक्षित है। उसमें आत्मविश्वास की कमी है। रोहित में ऐसा कुछ भी नहीं है। पिछले आठ टेस्ट मैचों में रोहित ने सिर्फ़ 264 रन बनाये हैं। सिर्फ़ एक अर्ध शतक लगा है। शतक कोई भी नहीं। चार बार ही वो दुहाई में पहुँच पाये हैं। कहाँ लग रहा था कि सर उठा के, इंडिया को T20 का वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान मैदान छोड़ेगा। पर अब ये विदाई नहीं टीम से निकाला जाना है। किसी को आभास भी नहीं था कि एकदम से ये टीम बिखर जाएगी। रवींद्र जडेजा, अश्विन और अब रोहित तो गये। विराट कोहली के भी दिन अभी ख़त्म ही नज़र आते हैं। रोहित कभी भी बहुत फिट क्रिकेटर नहीं थे पर उनकी आईसाइट इतनी अच्छी थी, और टाइमिंग लाजवाब और उनके स्ट्रोक देखते ही बनते थे।